साल 2020-2021 आईटी सेक्टर के लिये मानो एक अमृत जल की तरह था। हर कंपनी जैसे की इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजिस, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस एवं टेक महिंद्रा ने अपने इन्वेस्टर्स को काफी अच्छे रिटर्न्स बना के दिए हैं। यह तो हुई लार्ज कैप कंपनियों की बात देखा जाए तो बहोत सी मीड केप और स्मॉल केप आईटी कंपनियों ने अपने इन्वेस्टर्स को काफी बढ़िया रिटर्न बना के दिये हैं।
पर, पर, पर जैसे ही लोकडाउन और कोरोना काल ढलने लगा समस्याओं के घने बादल आईटी सेक्टर पर उमड़ने लगे। वर्तमान की बात करे तो जो तेजी देखने को मिली थी उसे देख कर यह प्रतीत हो था कि अब जो है आईटी ही है।
लेकिन हालात आज के कुछ और ही है। दिग्गज कंपनीज जैसे की टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस, विप्रो, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस एवं एचसीएल टेक आज काफी तकलिफ में है। आइये जानते है ऐसा क्या हो रहता है कि इनती बड़ी
कंपनियों को इतनी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
IT सेक्टर की बात करे तो उनका ज्यादातर रेवेन्यू जो की लगभग 70% अमेरिकी और यूरोपियन मार्केट से आता हैं, और घटनाएं जैसे यूएस में इनफ्लेशन, यूक्रेन – रूस वार आदि घट रही हैं उसे आईटी सेक्टर में गिरावट का मुख्य कारण बताया जा रहा हैं।
समस्याएं सिर्फ भारतीय कंपनीयों पर ही नही परंतु अमेरिकन आईटी कम्पनीज़ जैसी की गूगल, माइक्रोसॉफ्ट एसेंचर पर भी उमड़ी हुई हैं, यह कंपनी के शेयर प्राइस अपने 52 वीक हाय से 30%- 40% करेक्ट हो चुके हैं।
भारतीय आईटी कंपनीयो का खराब समय तो चल ही रहा है परंतु हालात तो और ज्यादा तब बिगड़े जब निदेशकों को क्रेडिट सुईस के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट अनुसार यह पता चलता है कि “वर्तमान में जो भारतीय आईटी कंपनीयों के शेयर प्राईस है उसमें अभी कही ना कही 10-27% का सुधार आना बाकी है” जिससे की दिन शुक्रवार 09 दिसंबर 2022 को निफ्टी इंडेक्स में करीब 3.14% की गिरावट देखने को मिलती है।
कंपनीयों के शेयर को देखे तो एचसीएल टेक्नोलॉजीज में करीब 6.5% कि गिरावट देखने को मिली, इंफोसिस में 3.08% की गिरावट देखने को मिली, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में 1.81%कि गिरावट देखने को मिली, और विप्रो में 2.37% की गिरावट देखने को मिली।
इस रिर्पोट के अनुसार यह दर्शाया गया है कि अभी के दौर में भारतीय आईटी कंपनियां काफी ज्यादा महंगे दर पे है।
अब अगर निवेश के जरिये से देखा जाये जहाँ पर किसी निवेशक को आईटी सेक्टर में निवेश करना है तो यह एक अच्छा मौका साबित हो सकता है।
क्योंकि जब शेयर मार्केट में ऐसे सुधार देखने को मिलते हैं तो कहीं ना कहीं अच्छी कंपनी के स्टॉक्स सस्ते दाम पर उपलब्ध होते हैं और जिसके चलते अगर इन कंपनी में लंबे समय के लिए निवेश किया जाए तो निवेशकों को काफी अच्छे रिटर्न्स बना के दे सकते है।
फॉरेन कंपनीज:
जब ऐसी गिरावट में अगर निवेशक सोच समझकर निवेश करता हैं तो उसे कही सारे फायदे होते है जैसे की पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन, निवेशक चाहे तो फ्रैक्शन में शेयर खरीद सकते है और डॉलर अप्रिशिएशन का भी फायदा होता है।
तो अगर आप भी फॉरेन स्टॉक्स में निवेश करने का सोच रहे हैं तो आप INDMONEY एप को कंसीडर कर सकते हैं जो की आपको कही फायदे देता हैं।
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अब आखरी में बात की जाए तो इन स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए की नहीं, तो अगर निवेशक चाहें तो एसआईपी मोड में इन्वेस्ट कर सकते हैं। दूसरा रास्ता यह हैं कि छोटी – छोटी गिरावट पर अच्छी कंपनियों के शेयर को अपने पोर्टफोलियो में कुछ क्वांटिटी में अक्यूमुलेट कर सकते हैं।
एक रिटेल निवेशक के लिए एक अच्छा मौका होता हैं की वह उन स्टॉक्स जो की फंडामेंटली स्ट्रॉन्ग है, जिनकी ब्रांड वैल्यू काफी अच्छी हैं और जिनके बिजनेस प्रोस्पेक्ट बहोत तगड़े हो उनमें निवेश करे जिससे लंबे समय में निवेशकों को काफी अच्छे रिटर्न्स प्राप्त हो सके।
क्या आईटी सेक्टर लंबी अवधि के निवेश के लिए अच्छा है?
हां, संस्थानों और निवेशकों के अनुसार समस्याएं हो सकती हैं और जारी रह सकती हैं लेकिन लंबे समय के लिए यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
आईटी निवेशकों के लिए कौन सी कंपनियां अच्छी हैं?
एक निवेशक टीसीएस, विप्रो, इंफोसिस आदि जैसी लार्ज कैप कंपनियों के साथ न्यूनतम जोखिम विकल्प के रूप में जा सकता है और अच्छे रिटर्न की संभावना है।
IT कंपनियां क्यों गिर रही हैं?
अमेरिकी मुद्रास्फीति, यूक्रेन-रूस युद्ध आदि जैसे वैश्विक परिदृश्यों के कारण आईटी क्षेत्र एक अस्थायी और गंभीर मंदी का सामना कर रहा है।
क्या विदेशी बाजार निवेश के लिए अच्छा विकल्प है?
यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि यह आपके पोर्टफोलियो को विविधीकरण देता है और साथ ही डॉलर की सराहना, अंशों में शेयरों की खरीद आदि जैसे विभिन्न फायदे भी देता है।
अमेरिकी निवेश के लिए कंपनियां?
निवेशक अल्फाबेट, एक्सेंचर, माइक्रोसॉफ्ट, कॉग्निजेंट आदि कंपनियों का उदाहरण ले सकते हैं।