Debt kya hai? और यह कितने प्रकार का होता है?

Debt का का मतलब कर्ज होता है आज इस पोस्ट में आप पढ़ने वाले हैं, Debt क बारे मे आखिर ये Debt क्या होता है? ya hai? यह कितने प्रकार का होता है Debt के क्या क्या फायदे एवं नुकसान है।

Debt kya hai?

Debt क्या है?: Debt एक प्रकार का कर्ज होता है। जिसका हिन्दी मतलब ऋण होता है इसे आप ऐसे समझें की जब आप किसी व्यक्ति से कोई सामान लेतें हैं और फिर उसे कुछ समय के बाद उसे उस व्यक्ति को वापस कर देतें हैं, ठीक उसी प्रकार जब हम पैसे लेटें हैं तो उसे Debt या Loan कहतें हैं Debt पर कोई पैसे इस लिए देता है ताकि उस से आने वाले Intrest से वो पैसा कमा सके। कोई भी Indivisual या बैंक दो तरह से Debt देतें हैं, जिसे Debt दिया जा रहा होता है उसका Credit score (goodwill) देखा जाता है या फिर कोई Mortgage (गिरवी)रखा जाता है।

Business मे कोई कंपनी दूसरे कंपनी को लोन इस लिए देती है क्योंकि वो कंपनी लोन लिए गए पैसे से अपने बिजनस को Expand कर सके। Debt लेने और देने वालों दोनों के बीच मे एक Aggriment sign होता है इसमे डेट पर लगने वाले Intrest को वो दोनों Parties मिल कर ते करते हैं। जब बड़े बड़े कॉर्पोरेट हैं या Governerment Debt लेने के लिए अपने बॉन्ड जारी करते हैं जिससे वो लोगों से पैसा एकत्रित कर सकें, और बदले मे वो कंपनी invester को एक फिक्स दर पर ब्याज देती रहती है या यह दर एक तय फार्मूले के आधार पर बदल भी सकती है। जिस प्रकार आप शेयर बाजार से किसी कंपनी का शेयर खरीद के उस कंपनी मे अपना हिस्सेदारी लेटें हैं उसी प्रकार बॉन्ड को खरीद कर आप बॉन्ड जारी करने वाले को Loan देतें हैं।

Credit card भी एक प्रकार का Debt होता है। जब कोई कंपनी आपको credit Card जारी करती है तब वो आपकी Credit Score देखती है। जब आप अपने Credit card का बिल समय पर चुका देतें हैं तो आपका Credit Score बढ़ जाता है और और आपका Credit cardका का Limit भी बढ़ सकता है और यदि आप अपना Bill समय पर नहीं चुकातें हैं तो आपका Credit card ल लिमिट भी घट जाता है और आगे चलकर लोन लेने मे भी परेशानी होती है।

Debt कितने प्रकार का होता है

Debt तो ऐसे कई प्रकार के होते हैं मगर इस लेख मे मैंने आपलोग को चार प्रकार के Debt के बारे मे बताया है,

  1. Secured Debt :~ इस प्रकार Debt मे Debt लेने वाले को कोई समान गिरवी रखना होता होता है और उस सामान की कीमत डेट के लगभग बराबर होने चाहिए क्योंकि अगर वो व्यक्ति लोन नहीं चुका पता है तो बाद मे समान कि नीलामी कर के या बेच के उस लोन का Amount वसूल किया जा सके। इस प्रकार के लोन ज्यादातर लोग Home Loan या Student Loan लेतें है। गिरवी के लिए गाड़ी,घर,गोल्ड,आदि रख सकतें हैं। लोन देने से पहले लोन लेने वाले का Enmpolyenent history देखि जाती है की वो व्यक्ति उस Loan को चुका पाएगा या नहीं।
  2. Unsecured Debt:~ इस प्रकार Debt मे Debt लेने वाले को कोई समान गिरवी नहीं रखना होता है Unsecured Debt मे लोन लेने वाले का Credit Score देखा जाता है, और उसकी profile चेक किया जाता है। इसमे उनका payment हिस्ट्री देखा जाता है की उन्होंने अपना पहले का लोन को समय पर चुकाया है या नहीं। इस प्रकार के Loan मे रिस्क ज्यादा होता है क्योंकि security के तौर पर लोन लेने वाले कोई समान गिरवी नहीं रखवाते हैं। इसका एक अच्छा उदाहरण Credit Card है। जब आप अपने Credit card का बिल समय पर चुका देतें हैं तो आपका Credit Score बढ़ जाता है,और आपका Credit cardका का Limit भी बढ़ सकता है और यदि आप अपना Bill समय पर नहीं चुकातें हैं तो आपका Credit card ल लिमिट भी घट जाता है और आगे चलकर लोन लेने मे भी परेशानी होती है।
  3. Corporate :~ इस प्रकार के Debt मे Corporate को heavy Amount मे Debtकी जरूरत होती है,इस लिए वो Company अपना Bond जारी करते हैं। जिससे वो लोगों से पैसा एकत्रित कर सकें, और बदले मे वो कंपनी invester को एक फिक्स दर पर ब्याज देती रहती है या यह दर एक तय फार्मूले के आधार पर बदल भी सकती है। जिस प्रकार आप शेयर बाजार से किसी कंपनी का शेयर खरीद के उस कंपनी मे अपना हिस्सेदारी लेटें हैं उसी प्रकार बॉन्ड को खरीद कर आप बॉन्ड जारी करने वाले को Loan देतें हैं। इस तरह के Bond को कोई भी Indivisual या Company खरीद सकता है।
  4. Mortgage :~ इस प्रकार के Loan ज्यादातर Student या वैसे लोग जिन्हे घर बनवाना होता है वो अपना घर बनाने के लिए लेते हैं। इस प्रकार के लोन लेने के लिए loan लेने वाला अपना कोई Mortgage गिरवी रखना होता है।

Debt के फायदें

Debt के निम्नलिखित फायदे हैं

  • पैसे की आवश्यकता होने पर एक निश्चित ब्याज दर पर पैसे मिल जाते हैं।
  • यदि समय पर Loan चुका दिया जाय तो Credit Score बढ़ जाता है औरआगे चलकर पैसे की आवश्यकता होती है तो Loan लेने मे आसानी होती है।

Debt के नुकसान

Debt के निम्नलिखित नुकसान हैं

  • Loan को सही समय पर Repyment नहीं किया गया तो Credit Score घाट जाता है।
  • Loan को सही समय पर Repyment नहीं किया गया तो Mortgage को नीलामी कर दिया जाता है।
  • Company पर Debt ज्यादा होने पर Company Bankrupt होती है।
  • Unsecured Debt मिलन काफी मुश्किल होता है। इसमे doccument verify कीये जाते हैं।

Conclusion

Debt हमे तभी लेने चाहिए जब हमे इसकी आवश्यकता हो, और Loan उतना ही लेना चाहिए जितना वापस कर सकें क्योंकि यदि आप समय पर लोन का Reypament नहीं करते हैं तो Mortgage को नीलामी कर दिया जाता है। मैं आशा करता हूँ की इस पोस्ट मे अछे से समझ या गया है की, Debt क बारे मे आखिर ये Debt क्या होता है Debt kya hai? यह कितने प्रकार का होता है Debt के क्या क्या फायदे एवं नुकसान है। यदि ये पो आपको अच्छा लगा हो तो इस पोस्ट को आप अपने दोस्तों के साथ या फिर आप अपने रिस्तेदारों के साथ इसे Share जरूर कर दें ताकि उन्हे भी Debt क बारे मे आखिर ये Debt क्या होता है Debt kya hai? यह कितने प्रकार का होता है Debt के क्या क्या फायदे एवं नुकसान है के बारे अछि जानकारी मिल सके।

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